क़ुतुब मीनार एक दुनिया की सबसे ऊँची मीनार है. यह लाल पत्थरो एव मार्बल से बनाया गया है. क़ुतुब मीनार की लम्बाई की अगर हम बात करे तो यह ७२.५ मीटर ऊँचा है और अगर फ़ीट में देखे तो २३७.८६ फ़ीट ऊँचा है. क़ुतुब मीनार का व्यास १४.३ मीटर है और यह ऊपर २.७५ मीटर है.
सिर्फ मीनार ही नहीं बल्कि इसके आस पास के परिसर में और भी ऐतिहासिक वास्तुकला है. जिनकी बात हम आगे लेख में करेंगे. यह जगह यूनेस्को के द्वारा World Heritage की यादि में समाविष्ट किया गया है. यह दक्षिण दिल्ली के महरोली में आज भी वैसे का वैसा खड़ा है. क़ुतुब मीनार के बारे में संक्षिप्त में जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़े. तो चलिए जानते है.
क़ुतुब मीनार का निर्माण
कुतुब मीनार का निर्माण कब और किसने करवाया
अफगानिस्तान में बिलकुल ऐसी ही एक मीनार है. जिसका नाम है मीनार–ए –जाम या इसे जाम की मीनार भी कहते है. यह ६५ मीटर ऊँची और अफगानिस्तान के शहरक जिले में स्थित है. क़ुतुब मीनार इसीसे प्रेरित होकर बनायीं गयी है. कुतबुद्दीन ऐबक क़ुतुब मीनार का निर्माण ११९३ में प्रारंभ किया था. लेकिन किसी कारन इसका सिर्फ निचला ढांचा बनवा पाया. इनके पश्च्यात इनके वंश शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने इसे ३ मंजिलो तक बनाया. इनके बाद फिरोजशाह तुगलक ने १३६८ में इसका निर्माण पूर्ण किया.
कुतुब मीनार के अंदर क्या है
क़ुतुब मीनार के अंदर गोल ऊपर की मंजिल तक ३७९ सीढिया है। और हर मंजिल पर बालकनी है. जहा से हम बहार के नज़ारे देख सकते है. इसके आसपास के परिसर में और भी कई ऐतिहासिक धरोहरे शामिल है. जिसे क़ुतुब काम्प्लेक्स भी कहा जाता है.
क़ुतुब मीनार के परिसर में और कौनसे–कौनसे ऐतिहासिक धरोहरें है
इल्तुतमिश का मकबरा, अलाइ दरवाजा, कुवात उल्ल इस्माल मस्जिद, अलाइ मीनार. और भी कई सारे मकबरे, मस्जिद, कब्रगाहे इसी परिसर में है. अलाइ मीनार अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्माण किया गया था. इसे क़ुतुब मीनार से भी दो गुना ऊँचा बनाने का उनका मकसद था लेकिन सिर्फ एक ही मंजिल बना सका. इसकी ऊंचाई २५ मीटर है और यह क़ुतुब मीनार के उत्तर में है.
क़ुतुब मीनार की लम्बाई / ऊंचाई कितना फिट है
विश्व की सबसे ऊंची मीनार कौन सी है
क़ुतुब मीनार की लम्बाई / ऊंचाई २३७.८६ फ़ीट है. यह दुनिया की सबसे ऊँची मीनार है. इसके बाद जो ऊँची मीनार है वो है मीनार–ए–जाम जो ६५ मीटर ऊँचा है. और यह अफगानिस्तान में आज भी खड़ा है.
कुतुब मीनार कितनी मंजिल का है
इस मीनार में ५ मंजिले है. और इसके अंदर से गोल ३७९ सीढ़ियां है. जिसके मदत से हम ऊपर जा सकते है. हर मंजिल पर एक बालकनी है.
कुतुब मीनार को बनने में कितना समय लगा
इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने ११९३ में शुरू किया था. लेकिन सिर्फ एक ही मंजिल वो बना पाए. उनके बाद उनके उत्तराधिकारी ने इसकी ३ मंजिल तक बनाया. फिर १३६८ में फिरोजशाह तुगलक ने इसकी पांचवी और आखिरी मंजिल बनके इसका निर्माण पूरा किया. यानि इस मीनार को बनाने में ११९३–१३६८ तक का समय लगा.
क़ुतुब मीनार कहा स्थित है
मेहरौली, नई दिल्ली
दुनिया की दूसरी ऊँची मीनार कोनसी है
मीनार–ए–जाम जिसे जाम की मीनार भी कहते है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची मीनार है. जिसकी ऊंचाई करीब ६५ मीटर है. इसका निर्माण ११९० में किया गया था. यह अफगानिस्तान में हरी नदी और जाम नदी के पास स्थित है. नदियों के पास होने से इस मीनार को एक तरह का खतरा है. नदियों के पानी की वजह से इसकी जमीन में पानी का प्रमाण ज्यादा हो रहा है. इसकी वजह से यह धीरे–धीरे टेढ़ा हो रहा है.
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क़ुतुब मीनार की स्थापत्य कला
पहली मंजिल – पहली मंजिल की ऊंचाई ९४ फुट ११ इंच है. इसमें लाल बलुआ पत्थरो का इस्तेमाल किया गया है जिसका रंग में हलकासा गुलाबीपण दिखता है. इस मंजिल को आधार देने के लिए २४ स्तंभ (Pillars) बनाये गए है. जिनमे से कुछ गोलाकार है तो कुछ कोनि आकार के है. इस मंजिल के ऊपरी भाग पर गोल छज्जा है.
दूसरी मंजिल – दूसरी मंजिल की ऊंचाई ५० फुट ८ इंच है. यह भी मंजिल लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है. इस मंजिल पर भी २४ स्तंभ आधार देने के लिए बनाये गए है लेकिन यहाँ सिर्फ गोलाकार स्तंभ है, कोनिय स्तंभ नहीं है. इस मजिल पर कुछ अभिलेख लिखा गया है, जो की सुल्तान इल्तुतमिश के बारे में लिखा गया है. यह अभिलेख साफ़ दर्शाता है की दूसरी मंजिल का निर्माण सुल्तान इल्तुतमिश ने ही पूरा किया था.
तिसरी मंजिल – तिसरी मंजिल की ऊंचाई ४० फुट ९ इंच है. यह मंजिल पुरे लाल पत्तरों से बनाया गया है. यहाँ भी निचले मंजिलो की तरह २४ स्तंभ से आधार दिया गया है जो की कोनिय है. यहाँ भी अभिलेख पट्टी पर सुल्तान इल्तुतमिश के बारे में लिखा गया है.
चौथी मंजिल – मीनार की चौथी मंजिल निचले मंजिलो से थोडीसी अलग है. इस मंजिल में कोई भी लंबी स्तंभों का इस्तेमाल नहीं किया गया. यह सभी बाजुयोंसे सपाट है. इस मंजिल पर ज्यादा तर संगेमरमर का इस्तेमाल किया है. चौथी और पांचवी मंजिल १३६८ में फिरोज शाह ने निर्माण किया था.
पांचवी मंजिल – पांचवी मंजिल की ऊंचाई २२ फुट ४ इंच है. सारे मंजिलो के छज्जे से इस मंजिल का छज्जा छोटा है. क़ुतुब मीनार के अंदर से सीढिया है, और हर मंजिल पर एक दरवाजा है. इन दरवाजो की मरम्मद अंग्रेजो द्वारा की गयी थी. यह सारे दरवाजे एक के ऊपर एक एक लाइन में है.
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क़ुतुब मीनार कौन सी जगह में पड़ता है ?
दक्षिण दिल्ली के महरौली में।
मीनार का अर्थ क्या है ?
गगनचुंबी ऊँची इमारत
क़ुतुब मीनार कब बना था ?
ईसवी ११९३ से १३६८ तक इसका निर्माण पूर्ण हुआ।
विश्व की सबसे ऊँची मीनार कोनसी है ?
क़ुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊँची मीनार है। और दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची मीनार है मीनार–ए–जाम जो की अफगानिस्तान में है।
लोह स्तंभ की ऊंचाई कितनी है ?
इस स्तम्भ की ऊंचाई ७३५.५ से.मी. है।
क़ुतुब मीनार की फोटो
- क़ुतुब मीनार की लम्बाई
Note:: यह जानकारी इंटरनेट , विकिपीडिया और इंटरनेट पर उपस्तिथ सूत्रों से ली गयी है . फोटो क्रेडिट Pexels.com
आशा करते है इस लेख से आपको क़ुतुब मीनार की लम्बाई के बारे में जानकारी मिली होगी. जैसे की क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है आदि सारे प्रश्न के उत्तर भी मिले होंगे. अगर इस लेख के बारे में आपको कोई शिकायत या सुझाव हो तो हमें मेल करे. [email protected] पर धन्यवाद.
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